Ranbir singh bidhuri biography
Lok Sabha Elections: सर्वश्रेष्ठ विधायक की उपाधि, दक्षिण दिल्ली से टिकट पाने वाले रामवीर सिंह बिधूड़ी कौन?
लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पूरी तैयारी कर ली है। राजधानी दिल्ली में इस बार मुकाबला ज्यादा दिलचस्प देखने को मिलने वाला है क्योंकि बीजेपी ने सात में से 6 सीटों पर अपने प्रत्याशी इस बार बदल दिए हैं यानी कि 6 सांसदों का टिकट काटा गया है। ऐसा ही कुछ हाल दक्षिणी दिल्ली की लोकसभा सीट में देखने को मिला है जहां पर रमेश बिधूड़ी का टिकट काटकर बीजेपी ने इस बार रामवीर सिंह बिधूड़ी को मौका दिया है।
रामवीर सिंह बिधूड़ी की बात करें तो वे वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं और विधानसभा में आम आदमी पार्टी के खिलाफ मुखर होकर अपनी आवाज उठाते हैं। राजनीति में उन्होंने एक लंबी और सफल पारी खेली है। 1970 में एक छात्र नेता के तौर पर एबीवीपी से रामवीर सिंह बिधूड़ी ने अपने सियासी करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद 1981 से 1985 तक बिधूड़ी हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के अध्यक्ष पद पर भी रहे थे। समझने वाली बात ये है कि उस पद को कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा दिया जाता है, यानी कि एक बड़े पद का अनुभव उन्हें अपनी शुरुआती सियासी करियर में ही हो गया था।
चुनाव का पूरा शेड्यूल यहां जानिए
इसके बाद 1993 में जब दिल्ली विधानसभा का गठन हुआ, बिधूड़ी बदरपुर सीट से निर्वाचित हुए थे, फिर 2003 में एक बार फिर इसी सीट पर उन्होंने बड़े अंतर से जीत हासिल की। बिधूड़ी का ट्रैक रिकार्ड बताता है कि 2003 और 2004 में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक की उपाधि से सम्मानित किया गया था। उस समय की लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने उन्हें वो सम्मान देने का काम किया था। ऐसे में धीरे-धीरे बिधूड़ी अपने सियासी करियर में आगे बढ़ते गए और फिर 2013 में वो टर्निंग पॉइंट आया जब उन्हें भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया।
सदस्य बनने के तुरंत बाद जब 2013 में दिल्ली में चुनाव हुए, बिधूड़ी ने जीत की हैट्रिक लगाते हुए फिर बदरपुर सीट से ही विजय परचम लहराया। बड़ी बात ये भी है विधायकों को विकास के लिए जो पैसा दिया जाता है, उस मामले में भी 2013-14 में बिधूड़ी सबसे आगे रहे थे। अगर पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो बिधूड़ी ने उसमें भी आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को बड़े अंतर से हरा दिया था। उसके बाद सर्व सहमति से उन्हें दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका दी गई थी। अब दक्षिण दिल्ली से आम आदमी पार्टी के खिलाफ एक बार फिर वे चुनावी मैदान में खड़े हैं।